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मक़त्ल अबी मखनफ़ वा कयामे मुख़्तार

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Maqtl ibne abi makhnaf, Qayame mukhtar  

मध्प्रदेष मे कांग्रेस बनाएंगी मोब्लिंचिंग पे क़ानून

जैसा की अभी मध्प्रदेश मे फैसल अंसारी को चोरी के इलज़ाम मे भीड़ ने बड़ी मेरहमी से क़त्ल कर दिया जिसकी चारो तरफ मज़म्मत हो रही है और ये सिलसिला खत्म ही नहीं हो रहा है ऐसे वाक़ियात आये दिन देखने को मिलते है... जब की इसे घोरजुर्म के लिए सख्त क़ानून बनाना चाहिये मगर अभी तक कोई क़ानून अमल मे नहीं आया है..... आप को मालूम होना चाहिये की फैसल अंसारी  मामले मे अब तक जिनकी गिरफ़्तारी हुई है उनमे से ज़्यादातर 10 क्लास के स्टूडेंट है और इनमे वह मज़दूर है जो रोज़ कमाते और खाते है.... इससे ये पता चलता है की आज की मानसिकता कितनी बदल गई है.... और हमारा भविष्य क्या होगा... ऐसे वक़्त मे मध्प्रदेश के c m कमल नाथ ने एक ऐसे क़ानून मानाने की पहल की है जिससे इस मसले को काफ़ी हद तक रोका जा सकता है.. जिसमे 5 साल से लेकर 10 साल तक की जेल और 25 हज़ार से 50 हज़ार तक का जुर्माना शामिल है... ये क़ानून अगर अमल मे आ गया तो इससे मुब्लिचिंग की घटनाये ज़रूर थमेंगी.. मगर आज की ये घटनाओ मे मूल रूप से बेरोज़गारी भी शामिल है और हमारी माननसिकता की बिमारी भी... 

वसीयते मोलाये कायनात

*हज़रत अली (अस) की वसीयत*   *حضرت علیؑ کی وصیت* आज तक हम ने कितनी दफा शहादत इमाम अली अलैहिस्सलाम का दिन सोग्वार बन कर गुज़ारा है लेकिन कभी इमाम अलैहिस्सलाम की वसीयत पढ़ने की कोशिश की है ???? पढ़ भी ली तो इमाम अलैहिस्सलाम की वसीयत पर अमल करने की कोशिश की ???? शहादत का दिन तो सभी हमें बताते हैं लेकिन वसीयत ना बताई जाती है ना इस पर अमल करने के लिए हम में बेदारी पैदा की जाती है! آج تک ہم نے کتنی دفعہ شہادت امام علی علیہ السلام کا دن سوگوار بن کر گزارا ہے لیکن کبھی امام کی وصیت پڑھنے کی کوشش کی ہے؟؟؟؟؟؟ پڑھ بھی لی تو امام (ع س) کی وصیت پر عمل کرنے کی کوشش کی؟؟؟ شہادت کا دن تو سبھی بتاتے ہیں لیکن وصیت نہ بتائی جاتی ہے نہ اس پر عمل کرنےکے لیے ہم میں بیداری پیدا کی جاتی ہے!        *वसीयत  وصیت* ज़रबत के बाद हसनैन शरीफैन (अस) और उन के चाहने वालों के नाम हज़रत  अली (अस) की वसीयत: ضربت کے بعد حسنینؑ شریفین اور ان کے چاہنےوالوں کے نام حضرت علی علیہ السلامؑ کی وصیت: اُوْصِیْکُمَا بِتَقْوَی اللّٰہِ۔ मैं तुम दोनों को खुदा से डरते रहने की वसीयत करता हूं میں تم دونوں کو خدا سے ڈرتے رہ